हर्निया - लक्षण - इलाज

08-05-2020 12:07:27
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हर्निया में पेट की मांसपेशिया कमजोर हो जाती हैं और उसी कमजोर जगह से आंते बाहर निकल जाती हैं इस स्थिति को हर्निया कहते हैं | हर्निया में एक उभार सा हो जाता है जिसे आसानी से देखा जा सकता है इसमें  एक मांसपेशी  या ऊतक में किसी छेद के माध्यम से अंदर का अंग उभरकर बाहर आने लगता है,। हर्निया जन्मजात भी हो सकता है या समय के साथ पेट की कमज़ोर दीवार या परत के हिस्से में विकसित हो सकता है। पेट की गुहा मे अधिक दबाव पड़ने से पेट की कमज़ोर हिस्से पर तवान पैदा हो सकता है, जिसकी वजह से हर्निया हो सकता है। हार्निया आमतौर पर पेट में होता है लेकिन यह जांघ के ऊपरी हिस्से, नाभी और कमर के आस-पास भी हो सकता है। अधिकांश हर्निया घातक नहीं होते हैं, लेकिन यह अपने आप भी ठीक नहीं होते। कुछ परिस्थितियों में हर्निया की जटिलताओं से बचने के लिए सर्जरी करानी पड़ती है

हर्निया के उभरने पर उसमें मौजूद रक्तवाहिकाओं पर दबाव पड़ सकता है, जिससे हर्निया में खून की सप्लाई रुक सकती है। अगर पेट की अंदरूनी परत में हर्निया से खून की सप्लाई रुक जाती है, तो यह एक आपातकालीन स्थिति होती है क्योंकि ऊतक को खून के माध्यम से मिलने वाली ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। जिसके कई कारन हैं जैसे की लम्बे  समय तक खांसी रहना, भारी सामान उठाना, मांसपेशियों के कमजोर होने के कारण हर्निया होने की संभावना अधिक होती है ऐसा हो सकता है कि आपको हर्निया का कोई भी लक्षण न हो, लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि इससे आपको ज्यादा या कम दर्द हो। हर्निया का दर्द आपको आराम करते समय या कुछ खास गतिविधियों के दौरान तथा भरी सामान उठाने पर - चलने या दौड़ने पर सूजन और दर्द का अनुभव हो सकता हैं जिससे आमतौर पर खुद पता लग जाता है जिसमे दर्द की जगह अण्डकोश,पेट, पेडू, छूने पर दर्द या पेट फूलना इत्यादि |  

हर्निया के सबसे सामान्य प्रकार हैं। इनगुइनल हर्निया,हाइटल हर्निया,अम्बिलिकल हर्निया,इंसिज़नल हर्निया,स्पोर्ट्स हर्निया

इनगुइनल हर्निया सबसे सामान्य प्रकार का हर्निया है। "ब्रिटिश हर्निया सेंटर" के अनुसार 70% हर्निया के मामले इनगुइनल हर्निया ही होते हैं। यह तब होता है जब पेट के निचले हिस्से की परत में छेद या उसके एक कमज़ोर हिस्से से आंत उभर आती है। औमतौर पर ये हर्निया इनगुइनल कनैल अर्थात जांघ नलिका के आस-पास होता है। यह महिलाओं की तुलना में पुरूषों में अधिक पाया जाता है। इनगुइनल हर्निया  पुरूषों के ग्रोइन पेट और जांघ के बीच का हिस्से) में पाया जाता है। ये वो जगह है, जहां शुक्राणु कॉर्ड पेट से अंडकोश (स्क्रोटम) में प्रवेश करती है। ये कॉर्ड हमारे अंण्डकोष को उनके स्थान पर रखती है, जबकि महिलाओं में इनगुइनल कनैल (inguinal canal) गर्भाशय को उसके स्थान में बनाए रखने का काम करती है। ग्रोइन में जहां इनगुइनल हर्निया विकास होता है, वहाँ पर उसका उभार महसूस होने लगता है। उस भाग में सूजन की वजह से जलन और दर्द की सनसनाहट महसूस होती है। अगर हर्निया भारी वजन उठानें के कारण हुआ हो तो तीव्र दर्द महसूस हो सकता है। हालांकि कुछ लोगों को दर्द महसूस नहीं होता है। परेशानी सबसे ज़्यादा तब होती है जब आंत का टुकड़ा या ओमेन्टम हर्निया की गुहा में फस जाता है। इसे अंग्रेजी में (incarcerated) हर्निया कहते हैं यानि आंत का एक टुकड़ा हर्निया की गुहा में प्रवेश करके उसमें अटक जाता है। और आंत फूलने लग जाती है तो सर्जरी के हालात पैदा हो जाते हैं, क्योंकि इसकी वजह से रक्त की आपूर्ति रुक जाती है और हर्निया स्ट्रांगुलेटेड हो जाता है। जिस कारण से रोगी को दर्द, मतली और उल्टी हो सकती है। दर्द होने के साथ-साथ बुखार भी हो जाता है। इनगुइनल हर्निया में ज्यादातर लोग अपनी ग्रोइन में दर्द तथा जलन के साथ सूजन (फूला हुआ) और गांठ महसूस करते हैं। पूर्ण शारीरिक परिक्षण के बाद इसके निदान की पुष्टी की जा सकती है। हालाँकि बार बार होने वाले इनगुइनल या श्रोणि दर्द (पेल्विक पेन) के लक्षण का निदान अगर शारीरिक परिक्षण से ना किया जा सके तो सीटी स्कैन की ज़रूरत पड़  सकती है।

हाइटल हार्निया खुद लक्षण पैदा नहीं करता मगर जब स्लाइडिग हर्निया होता है, तो पेट की सामग्री का अन्नप्रणाली में वितरण होने लग जाता है। गैस्ट्रोसोफेगल रिफ्लक्स  की वजह से सीने में दर्द और जलन, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द और जलन, उल्टी, मतली और पेट से गले तक एसिड आने की वजह से गले में खट्टे स्वाद के महसूस होने जैसी समस्याएं होती हैं।हाइटल हर्निया होने कि मुख्य वजह है, जब हमारे पेट का हिस्सा डायाफ्राम (diaphragm) के माध्यम से हमारे छाती के गुहा तक पहुंच जाता है। डायाफ्राम एक तरह की मांसपेशियों का आवरण होता है जो फेफड़ो के सांस खीचने में सहायक होता है। डायाफ्राम उन ऑर्गन को हमारे पेट से अलग रखता है जो हमारे छाती में होते हैं।

इस तरह का हर्निया आमतौर से 50 साल से अधिक उम्र वालों में ज़्यादा होता है। अगर बच्चों में इसके लक्षण पाए जाते हैं तो इसका मतलब है कि बच्चे में जन्म से ही कुछ दोष है। हाइटल हर्निया हमेशा गैस्ट्रोइसोफ़ेगल रिफ़्लक्स पैदा करता है, जिसकी वजह से पेट की सामग्री का रिसाव भोजन नलिका में होने लगता है, जो पेट में जलन का करण बनता है। के कारण होने वाले हाइटल हर्निया के निदान के लिए डॉक्टर मरीज से उसकी पिछली दवाईयों के बारे में जानकारी पूछेंगे, और शारीरिक परिक्षण भी कर सकते हैं। छाती के एक्स-रे की मदद से पेट के भीतरी अंगों की जानकारी ली जा सकती है, उसमें अगर अल्सर, खून बहना या भोजन नलिका में सूजन जैसे संकेत दिखते हैं तो गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट (एक विशेष डॉक्टर) को एंडस्कोपी करने की जरूरत पड़ सकती है। हाइटल हर्निया के लिए डॉ पेट के अंदर आंतरिक जगह को देखने के लिए एंडोस्कोपी या बेरियम एक्स - रे कर सकते हैं अगर बच्चो में नाभि सम्बन्धि हर्निया है तो डॉ. अल्ट्रासाउंड स्कैन करा सकते हैं |

अम्बिलिकल हर्निया 6 माह से कम उम्र वाले बच्चों को हो सकता है। ये तब होता है जब आंत का उभार पेट की अंदरुनी परत के माध्यम से नाभी के पास पहुंच जाता है। आप उभार को बच्चे की नाभी के पास देख सकते हैं, ख़ासकर जब बच्चा रोता है। अम्बिलिकल हर्निया ही केवल एक ऐसा हार्निया है जो पेट की मांसपेशियां मज़बूत होने पर अपने आप से ठीक हो जाता है। अगर किसी परिस्थिति में बच्चा एक साल का हो जाता है और हर्निया ठीक नहीं हो पाता है, तो इसे ठीक करने के लिए सर्जरी का प्रयोग किया जाता है।अम्बिलिकल हर्निया से बचाव मुमकिन नहीं है है। मगर दूसरे प्रकार के हर्निया के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसके लिए हमें पेट पर पड़ने वाले दबाव को कम करना चाहिए जिसकी वजह से हमारे पेट के कमजोर हिस्सों पर दबाव ना पड़े। अम्बिलिकल हर्निया का इलाज ओपेन सर्जरी या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी जाता है।

इंसिज़नल हर्निया पेट में सर्जरी होने के बाद इसके होने की संभावना ज्यादा रहती है। हमारी आंत, सर्जरी के दौरान जो चीर-फाड़ की गई या उसके आस-पास की कमजोर जगह पर प्रभाव डालती है। अम्बिलिकल हर्निया का पता लगाना बेहद आसान होता है, क्योंकि नाभि के पास इसका उभार साफ तौर पर दिख जाता है। स्पोर्ट्स हर्निया पेट के निचले हिस्से में व ग्रोइन पेट तथा जांघ के बीच का भाग में तनाव से तथा किसी मुलायम ऊतक के फटने से स्पोर्ट्स हर्निया होता है। इसकी वजह से विभिन्न ऊतक प्रभावित होते हैं और ज़रूरी नहीं है कि एक हर्निया हो ही यानी सिर्फ़ उतक फट सकता है, ज़रूरी नहीं कि कोई अंग उस से बाहर आए इसलिए डॉक्टर इसके लिए “एथलेटिक पुबल्गिया” नाम प्रयोग करते हैं। स्पोर्ट्स हर्निया, ग्रोइन या पेट में ऊतक का फटने या उस पर असामान्य तनाव से प्रभावित अंग या उसके आस-पास के भाग में दर्द होता है। यह किसी भी मांसपेशी, नरम ऊतक और लिगमेंट में हो सकता है।

 वजन रखें नियंत्रित

हर्निया के उपचार के लिए जीवन शैली में बदलाव वजन नियंत्रित रखें। आहार में परिवर्तन, स्वस्थ आहार का सेवन करें और कब्ज़ से बचने के लिए नियमित व्यायाम करें। मल त्याग और पेशाब के दौरान ज़्यादा ज़ोर लगाने से बचें। वजन उठाते समय सही तकनीक का प्रयोग करें, ख़ासकर जब भारी वस्तु उठानी हो तो। घर में, कामकाज की जगह में, खेल के दौरान - इन सब जगहों पर इस बात का ध्यान रखें। बार-बार आने वाली खांसी से बचने के लिए धूम्रपान करना बंद करें। अगर आपको लगातार खांसी आती हो तो तो डॉक्टर से मिलें और खाँसी का उपचार करवायें। अम्ल प्रतिवाह (एसिड रिफ्लक्स) व सीने में जलन पैदा करने वाली चीजें जैसे मासालेदार खाना, टमाटर से बना हुआ खाना इन सबका परहेज़ करके रोगी हर्निया के लक्षण में सुधार ला सकता है। इसके अलावा आप सिगरेट छोड़ कर और अपने वजन को नियंत्रित रख कर भी अम्ल प्रतिवाह (एसिड रिफ्लक्स) को कम कर सकते हैं। एसिड रिफ्लक्स से ENT. की दिक्कत हो जाती है जैसे की बार - बार गले में खराश बने रहना जिसके कारण आवाज की नली भी प्रभावित होती है आवाज की नली में दाने हो जाते हैं

कुछ व्यायाम हर्निया के आस-पास कि मांसपेशियों को मज़बूत बनाने में सहायक हो सकते हैं। जिसकी वजह से हर्निया के लक्षणों को कम किया जा सकता है। हालांकि इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ग़लत तरीक़े से किया गया व्यायाम या ग़लत व्यायाम हर्निया या उसके आस-पास के भागों में दवाब को बढ़ा सकता है, जो कि हर्निया के बढ़ने का कारण भी हो सकता है। आप जो भी व्यायाम करें उसे अपने डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही करें।

यदि इन सब से आराम नहीं मिल पा रहा है तो हर्निया को ठीक करने के लिए रोगी को सर्जरी की ज़रूरत हो सकती है। अगर हर्निया बढ़ता जा रहा है और दर्द का कारण बन रहा है तो उसका निवारण करने के लिए आपके डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। सर्जरी के दौरान डॉक्टर, मरीज के पेट में प्रभावित जगह की सिलाई करते है। हर्निया में स्थाई  उपचार ओपन सर्जरी और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी अधिक लाभकारी है हर्निया की सर्जरी में स्तेमाल किये जाने वाले आधुनिक हाइब्रिड जाल की गुडवत्ता और लेप्रोस्कोपी की लोकप्रियता ने इस रोग के उपचार में पीड़ित व्यक्तियों को बहुत ज्यादा राहत प्रदान की है ये नए हाइब्रिड जाल आंतो से चिपकते नहीं हैं और पतले होते हैं ये डिग्रेडिबल फैब्रिक की परत से बने होते हैं जाल का आकर छोटा नर्म और लचीला होने के कारण हर्निया के दोबारा होने की संभावना कम हो गई है |





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