कड़े संघर्ष के बाद फिल्म इंडस्ट्री में खास पहचान बनायी देवानंद ने

25-09-2021 17:35:35
By : Sanjeev Singh


बॉलीवुड इंडस्ट्री में करीब छह दशक तक दर्शको के दिलों पर राज करने वाले अभिनेता देवानंद को अभिनेता बनने के ख्वाब को हकीकत में बदलने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा था।

26 सिंतबर 1923 को पंजाब के गुरदासपुर में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे धर्मदेव पिशोरीमल आनंद उर्फ देवानंद ने अंग्रेजी साहित्य में अपनी स्नातक की शिक्षा 1942 में लाहौर के मशहूर गवर्नमेंट कॉलेज में पूरी की। देवानंद इसके आगे भी पढ़ना चाहते थे, लेकिन उनके पिता ने साफ शब्दों में कह दिया कि उनके पास उन्हें पढ़ाने के लिये पैसे नहीं है और यदि वह आगे पढ़ना चाहते है तो नौकरी कर लें।

देवानंद ने निश्चय किया कि यदि नौकरी ही करनी है तो क्यों ना फिल्म इंडस्ट्री में किस्मत आजमाई जाये। वर्ष 1943 में अपने सपनो को साकार करने के लिये जब वह मुम्बई पहुंचे तब उनके पास मात्र 30 रूपये थे और रहने के लिये कोई ठिकाना नहीं था। देवानंद ने यहां पहुंचकर रेलवे स्टेशन के समीप ही एक सस्ते से होटल में कमरा किराये पर लिया। उस कमरे में उनके साथ तीन अन्य लोग भी रहते थे, जो देवानंद की तरह ही फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिये संघर्ष कर रहे थे।

जब काफी दिन यूं ही गुजर गये तो देवानंद ने सोचा कि यदि उन्हें मुंबई में रहना है तो जीवन यापन के लिये नौकरी करनी पड़ेगी चाहे वह कैसी भी नौकरी क्यों न हो। अथक प्रयास के बाद उन्हें मिलिट्री सेन्सर ऑफिस में लिपिक की नौकरी मिल गयी। यहां उन्हें सैनिको की चिट्ठियों को उनके परिवार के लोगो को पढ़कर सुनाना होता था।



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