HAPPY BIRTH DAY- अमिताभ बच्चन ऐसे बने सदी के ‘महानायक’

11-10-2019 14:06:41
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हिन्‍दी फिल्‍मों के सदाबहार अभिनेता अमिताभ बच्‍चन का आज जन्‍म दिन है. आज ना केवल हिन्‍दुस्‍तान में बल्कि हिन्‍दुस्‍तान के बाहर उनके लांखो करोंड़ो प्रशंसक हैं. लगभग 50 साल से हिन्‍दी फिल्‍मों में अभिनय करने वाले अमिताभ बच्‍चन का जन्‍म 11 अक्‍टूबर 1942 को हुआ था. उनके पिता हरिवंश राय बच्‍चन भी हिन्‍दुस्‍तान के मशहूर कवि रहें है. हरिवंश राय बच्‍चन अपने जमाने में फेमस तो बहुत थे लेकिन उनके पास पैसो की बहुत ज्‍यादा कमी थी जिसकी वजह से अमिताभ का बचपन काफी आर्थिक समस्‍याओं से जुझते हुए गुजरा. अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहयोग देने के लिए उन्‍होने कलकत्‍ता में एक कम्‍पनी में बतौर सुपरवाइजर भी काम किया. तब उनको 800 रूपये महीना मिला करता था. ये वो दौर था जब अमिताभ बच्‍चन अपनी छोटी आखों में बड़े सपने देखने का प्रयास कर रहें हैं.

कुछ साल तक कलकत्‍ता में काम करने के बाद वो मुम्‍बई आ गये. अमिताभ बच्‍चन ने मुम्‍बई में जाकर बतौर ऑल इंडिया रेडियों में भी एप्‍लाई किया था लेकिन उनकी आवाज की वजह से उन्‍हे वहा रिजेक्‍ट कर दिया. काफी सघर्ष करने के बाद 1969 में उन्‍हे पहली बार हिन्‍दी फिल्‍मों में काम करने का मौका मिला. उनकी पहली फिल्‍म थी सात हिन्‍दुस्‍तानी. ये फिल्‍म बुरी तरह फ्लॉप हुई. ऊंचे कद और भारी आवाज की वजह से लोगो को उस वक्‍त उन्‍हे बुरी तरह नापंसद कर दिया. इस फिल्‍म के बाद उनकी लगातार 14 फिल्‍में फ्लॉप हुई.

अमिताभ बच्‍चन का कैरियर लगभग खत्‍म हो गया था लेकिन फिर एक फिल्‍म आई जिसने उस दौर के सिनेमा की परिभाषा ही बदल कर रख दी. इस फिल्‍म का नाम था जंजीर जो 1972 में रिलीज हुई थी. इस फिल्‍म को काफी पसन्‍द किया गया था.

70 के दशक में हिन्‍दुस्‍तान राजनैतिक और सामाजिक समस्‍याओं से जूझ रहा था. ये वो दौर था जब राजनीति में भ्रष्‍ट्राचार, गुण्‍डाराज और कारपोरेट्स की इन्‍ट्री हुई थी जिसकी वजह से अमीरी और गरीबी के बीच की खाई बहुत तेजी से बढ़ती जा रही थी. इस बदलाव का सीघा असर हिन्‍दुस्‍तान में रहने वाले आम लोगो पर हो रहा था. देश में इतना कुछ घट रहा था लेकिन इंडियन सिनेमा में रोमांस को केंद्र में रखकर ही फिल्‍में बनाई् जा रही थी. उस वक्‍त राजेश खन्‍ना हिन्‍दी सिनेमा के सुपरस्‍टार हुआ करते थे और उनकी छवि एक चाकॅलेटी बॉय की तरह थी जो अपनी नायिकाओं को अपनी पर्सनालिटी से रिछाने की को‍शिश करता था.

हिन्‍दी सिनेमा के इस जॉनर  को तोड़ते हुए अमिताभ बच्‍चन ने अपने फिल्‍मों के जरिये फिल्‍मों का एक ऐसा जॉनर क्रियेट किया जिसमे भ्रष्‍ट्राचार और गरीबी से लड़ती आम आदमी की अक्‍स था. अमिताभ ने एक के बाद एक ऐसी फिल्‍मों बनाई जिसने आम लोगो की सत्‍ता और सिस्‍टम के प्रति गुस्‍से को एक आवाज दी. नमक हलाल, दीवार, अग्निपथ, कुली आदि अमिताभ बच्‍चन की ऐसी फिल्‍में थी जिसने आम आदमी सीघे तौर पर कनेन्‍ट किया. इन्‍ही फिल्‍मों के अमिताभ बच्‍चन को हिन्‍दी फिल्‍मों के अन्‍य अभिनेताओं से अलग ले जाकर खड़ा कर दिया.  


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