चौथे कार्यकाल में शिवराज ने मुख्यमंत्री के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल किया पूरा

23-03-2021 12:51:18
By : Sanjeev Singh


कोरोना के अभूतपूर्व संकट के बीच चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज एक वर्ष का कार्यकाल पूरा कर एक लिया। उनके मंत्रियों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने इस अवसर पर चौहान को शुभकामनाएं और बधाई प्रेषित की हैं।

चौहान राज्य में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने वाले नेता हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार शपथ 29 नवंबर 2005 को तत्कालीन राजनैतिक स्थितियों के चलते ग्रहण की थी। उस समय के हालातों के चलते बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दिया था और फिर चौहान सत्तासीन हुए थे।

इसके बाद नवंबर दिसंबर 2008 के विधानसभा चुनाव भाजपा ने चौहान के नेतृत्व में लड़ा और ऐतिहासिक विजय के बाद उन्होंने दूसरे कार्यकाल के लिए 12 दिसंबर 2008 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। चौहान इसके बाद जनसेवा के क्रम को आगे बढ़ाते हुए चलते गए और नवंबर-दिसंबर 2013 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने फिर विजय हासिल की और 14 दिसंबर को तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। इस दौरान उन्होंने 29 नवंबर 2015 में राज्य में सबसे अधिक समय 10 वर्ष तक मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहने के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कीर्तिमान को ध्वस्त कर इसे अपने नाम कर लिया।

नवंबर-दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ और इसके चलते चौहान ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दिया और तब 17 दिसंबर को कमलनाथ ने पंद्रह वर्षों बाद सत्ता में आयी कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। लेकिन कमलनाथ सरकार का पतन मात्र 15 माह में ही हो गया और कोरोना संकट के मध्य प्रदेश में दस्तक देने के बीच ही असाधारण स्थितियों में चौहान ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार 23 मार्च 2020 को शपथ ग्रहण की।

चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में चौहान ने असाधारण परिस्थितियों का सामना किया, तो इसका श्रेय उनके सूझबूझ भरे नेतृत्व के अलावा पूर्व के लगभग तेरह वर्षों के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल के सुदीर्घ प्रशासनिक अनुभव को जाता है। प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने यूनीवार्ता से कहा कि चौहान ने असाधारण स्थितियों के चलते ही अकेले ही मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी और वे शपथ लेने के तत्काल बाद कोरोना से निपटने के उपाय करने में जुट गए थे।


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