नये मंत्रियों को पद नहीं स्वीकार करना चाहिये था: मायावती

27-09-2021 11:21:25
By : Sanjeev Singh


उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से किसान समेत समाज के सभी वर्गो से सावधान रहने की सलाह देते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि जातिगत वोटों को साधने के लिये मंत्री बनाये गये लोग यदि पद स्वीकार नहीं करते तो उनके व समाज के लिये बेहतर होता।

मायावती ने सोमवार सुबह एक के बाद एक दो ट्वीट कर राज्य की योगी सरकार पर निशाना साधा। पहले ट्वीट में वे नवनियुक्त सात मंत्रियों को सलाह देने के मूड में नजर आयी जबकि एक घंटे बाद किये गये दूसरे ट्वीट में उन्होने किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुये गन्ना मूल्य में की गयी बढोत्तरी को राजनीति से प्रेरित करार दिया।

बसपा सुप्रीमो ने कहा “ बीजेपी ने कल यूपी में जातिगत आधार पर वोटों को साधने के लिए जिनको भी मंत्री बनाया है, बेहतर होता कि वे लोग इसे स्वीकार नहीं करते क्योंकि जब तक वे अपने-अपने मंत्रालय को समझकर कुछ करना भी चाहेंगे तब तक यहाँ चुनाव आचार संहिता लागू हो जायेगी। उन्होने कहा “ इनके समाज के विकास व उत्थान के लिए अभी तक वर्तमान भाजपा सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाये हैं बल्कि इनके हितों में बीएसपी की रही सरकार ने जो भी कार्य शुरू किये थे, उन्हें भी अधिकांश बन्द कर दिया गया है। इनके इस दोहरे चाल-चरित्र से इन वर्गाें को सावधान रहने की सलाह।”

मायावती ने कहा “ यूपी भाजपा सरकार पूरे साढ़े चार वर्षों तक यहाँ के किसानों की घोर अनदेखी करती रही व गन्ना का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया जिस उपेक्षा की ओर 7 सितम्बर को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में मेरे द्वारा इंगित करने पर अब चुनाव से पहले इनको गन्ना किसान की याद आई है जो इनके स्वार्थ को दर्शाता है।” उन्होने कहा “ केन्द्र व यूपी सरकार की किसान-विरोधी नीतियों से पूरा किसान समाज काफी दुःखी व त्रस्त है, लेकिन अब चुनाव से पहले अपनी फेस सेविंग के लिए गन्ना का समर्थन मूल्य थोड़ा बढ़ाना खेती-किसानी की मूल समस्या का सही समाधान नहीं। ऐसे में किसान इनके किसी भी बहकावे में आने वाला नहीं है।”

गौरतलब है कि रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित किसान सम्मेलन में गन्ने के समर्थन मूल्य में 25 रूपये की बढोत्तरी की घोषणा की थी और कल ही शाम योगी ने मंत्रिमंडल विस्तार करते हुये सात नये मंत्री बनाये थे जिनमें एक ब्राहृमण, तीन ओबीसी,दो एससी और एक एसटी वर्ग से हैं।



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