बलिदान दिवस के अवसर पर, डॉ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि।

23-06-2020 17:08:22
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बलिदान दिवस के अवसर पर, डॉ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि।

 

महान देशभक्त, शिक्षाविद, कुशल राजनेता, एक देश में एक निशान और एक संविधान के पक्षधर तथा राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के प्रतीक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनके बलिदान दिवस के अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व दिल्ली भाजपा प्रभारी श्री श्याम जाजू एवं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने शहीदी पार्क में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, नेता प्रतिपक्ष श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी, सांसद श्री प्रवेश साहिब सिंह, दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व विधायक श्री विजेंद्र गुप्ता, दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय, मिजोरम प्रभारी श्री पवन शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सिद्धार्थन, तीनों निगमों के महापौर, प्रदेश पदाधिकारियों ने भी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। प्रदेश महामंत्री श्री कुलजीत सिंह चहल ने कार्यक्रम का संचालन किया।

श्री श्याम जाजू ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी प्रखर राष्ट्रवादी विचारक, महान शिक्षाविद, जनसंघ के संस्थापक व हमारे पथ प्रदर्शक हैं। राष्ट्रभक्ति, त्याग व समर्पण के अद्वितीय प्रतीक डॉ. मुखर्जी का पूरा जीवन भारत की एकता व अखंडता के लिए समर्पित रहा है। आज का दिन भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता के स्मरण में रहता है। आज जिस विचारधारा से भाजपा जानी जाती है उसे डॉ. मुखर्जी ने ही स्थापित किया था। जब जब हम भारत माता की जय का नारालगाते हैं तो कांग्रेस हमसे सवाल करती है, जब भी हमने कश्मीर को लेकर नारे लगाए लोगों ने हमारे उद्देश्य पर आश्चर्य व्यक्त किया, लोगों का मानना था कि जो काम हो ही नहीं सकता है उसके बारे में नारा क्यों लगा रहे हैं। लेकिन अपनी विचारधारा पर अडिग रहकर डॉ. मुखर्जी ने कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाने की ओर पहला कदम रखा और उनके ही पद चिन्हों पर चलते हुए आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने डॉ. मुखर्जी के सपने को पूरा किया और कश्मीर को भारत से जोड़ा। श्री जाजू ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने डॉ. मुखर्जी की विचारधारा को अपने जीवन में उतार कर उनके प्रति अपनी निष्ठा को व्यक्त किया है। उन्होंने एक अनुभव को साझा करते हुये डॉ. मुखर्जी की दूरदर्शिता का परिचय दिया। आज कई ऐसी पार्टियां हैं जिन्होंने अपने मूल विचारधारा को भुला दिया है लेकिन भाजपा ही ऐसी पार्टी है जिसने अपनी निष्ठा को कायम रखते हुए अपनी मूल विचारधारा के साथ निरंतर आगे बढ़ रही है। श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि हर साल बलिदान दिवस भाजपा बड़े स्तर पर मनाते आई है लेकिन इस साल कोविड-19 महामारी के मद्देनजर बहुत ही सीमित भाई-बंधुओं के साथ बलिदान दिवस मना रही है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का भारतीय राजनीति और अखंड भारत के निर्माण में बड़ा योगदान रहा है। उनके इस योगदान और बलिदान को भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता ने अपने जीवन में सुना है। जब हम नारे लगाते हैं जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है, जो कश्मीर हमारा है, वो सारे का सारा हैतब डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का चित्रण हमारे सामने होता है। 5 अगस्त 2019 को जब माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने संसद में कश्मीर से धारा 370 और 35ए हटाने का प्रस्ताव रखा तब देश के करोड़ों लोग इसके साक्षी बने और उस अविस्मरणीय क्षण को भी देखा जब संसद ने इस प्रस्ताव को पारित किया। 23 जून 1953 को कश्मीर को भारत का अटूट अंग बनाने के उद्देश्य से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना बलिदान दिया जिससे आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी ने सार्थक किया और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी। श्री गुप्ता ने कहा कि बहुत ही कम उम्र में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजनीति में आए और बंगाल के स्वतंत्रता आंदोलन में भी उनका विशेष योगदान दिया। राष्ट्रवाद की विचारधारा से ओतप्रोत और अपनी बातों को लेकर अडिग व्यक्तित्व वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को कांग्रेस का ना होने के बावजूद गांधी जी के कहने पर और एक विशिष्ट व्यक्तित्व होने के कारण नेहरू जी ने उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया था। कुछ दिनों के बाद ही नेहरू लियाकत एक्ट का विरोध करते हुए उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें सांप्रदायिक कहकर उनका बहिष्कार करने की कोशिश की। उन्होंने इस्तीफे के बाद 28 अप्रैल 1951 को भारतीय जनसंघ की स्थापना की। डॉ. मुखर्जी ने कश्मीर को फिर से भारत का हिस्सा बनाने की ठान ली और उसके लिए आंदोलन शुरू किया। उनके दिए गए बलिदान और त्याग का ही परिणाम है कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने बताया कि पहले माता वैष्णो देवी और अमरनाथ यात्रा करने के लिए भी परमिट लेना पड़ता था लेकिन डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के आंदोलन का ही परिणाम है कि अब हम बिना किसी बाधा के माता वैष्णो देवी और बाबा अमरनाथ के दर्शन कर सकते हैं। आज हम मिलकर सच्चे सपूत, स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रवादी व्यक्तित्व डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को नमन करते हैं और उनके सिद्धांतों पर चल कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

  
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