बदहाल अर्थव्यवस्था की बिगड़ी सेहत में धीरे-धीरे ही होगा सुधार

23-07-2020 16:42:31
By :
Notice: Trying to get property 'fName' of non-object in /home/newobserverdawn/public_html/module/Application/view/application/index/news.phtml on line 23

Notice: Trying to get property 'lName' of non-object in /home/newobserverdawn/public_html/module/Application/view/application/index/news.phtml on line 23

बदहाल अर्थव्यवस्था की बिगड़ी सेहत में धीरे-धीरे ही होगा सुधार

कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थितियों के कारण भारत समेत विश्व भर में आर्थिक गतिविधियां ठप्प हैं। अर्थव्यवस्था की इस आपदाजन्य बदहाली ने देश के छोटे और मझोले उद्योगों की कमर ही तोड़कर रख दी है। लॉकडाउन में मध्यवर्ग पर आर्थिक मार पड़ी है। बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं। फिलहाल अर्थव्यवस्था की सेहत बेहद बिगड़ी हुई है, बाजार और कारोबारी माहौल पर अनिश्चितता के गहरे बादल छाए हुए हैं। अभी इसका कोई कारगर इलाज भी नहीं दिखाई नहीं दे रहा है। वैसे भी यह भी पूर्णत: स्पष्ट है कि बदहाल अर्थव्यवस्था की यह बिगड़ी हुई सेहत धीरे-धीरे ही सुधरेगी।

सरकारी राहत की पहुंच से  अब भी दूर है एक बड़ा वर्ग

समस्त स्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए सरकार ने महामारी के आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिये 21 लाख करोड़ रुपए का भारी भरकम प्रोत्साहन पैकेज भी घोषित किया, लेकिन सरकारी राहत की पहुंच से एक बड़ा वर्ग अब भी दूर ही है। क्योंकि सरकार की राहत सूची में मध्यमवर्ग के सहायतार्थ कोई प्रत्यक्ष योजना सामने नहीं आई।

विभिन्न क्षेत्रों में दिखने लगे हैं सुधार के कुछेक संकेत

हालांकि समस्त किन्तु-परन्तु और चिन्ताओं-आशंकाओं व उम्मीदों के बीच हाल ही में सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार के कुछेक संकेत दिखने लगे हैं। नतीजतन कोरोना वायरस संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को वापस सही रास्ते पर लाने को किए जा रहे अनुकूल नीतिगत उपायों के बूते आने वाले समय में और तेजी से सुधार होने की उम्मीद है, लेकिन इसका असर दिखने में अभी कुछ समय लगना निश्चित है।

अर्थव्यवस्था के मसले पर चिन्ता बढ़ाती और डराती हुई भी दिख रही हैं कुछ रिपोर्ट

इन उम्मीदों के बीच बीते दिनों आर्इं कुछ रिपोर्ट अर्थव्यवस्था के मसले पर चिन्ता बढ़ाती और डराती हुई भी दिख रही हैं। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीडीए) की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था में इस साल बड़ी गिरावट निश्चित है। जीडीपी में 4.5 फीसदी तक की गिरावट का अनुमान है। डीडीए के मुताबिक राजस्व वसूली भी वार्षिक औसत से आधी रह गई है। व्यापार हानि भी 11 वर्ष के निचले स्तर पर आ गई है। रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव के चलते भारत की शीर्ष- 500 कंपनियों द्वारा लिए गए कर्ज में से 1.67 लाख करोड़ रुपए का ऋण मार्च 2022 तक बैंकों की चिंता बढ़ा सकता है। कंपनियां समय पर कर्ज चुकाने में असफल रह सकती हैं और यह फंसे ऋण की श्रेणी में आ सकता है। फिक्की और इंडियन एंजल नेटवर्क (आईएएन) की संयुक्त सर्वेक्षण रिपोर्ट में दावा किया गया कि कोरोना महामारी ने भारतीय व्यवसायों, विशेषत: छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) पर बुरा प्रभाव डाला है। लगभग 70 प्रतिशत स्टार्टअप का कारोबार प्रभावित हुआ है। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की रिपोर्ट में भी 31 मार्च 2021 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में चार प्रतिशत तक की कमी होने का अनुमान लगाया गया है, जबकि 2021-22 में इसमें पांच प्रतिशत की दर से वृद्धि की संभावना जताई गई है। दरअसल कोरोना महामारी की वजह से औद्योगिक उत्पादन की गति और स्तर पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। आपूर्ति और व्यापार श्रृंखला टूट गई है। विमानन, होटल, आतिथ्य, पयर्टन और फिल्म उद्योग क्षेत्र में भी गतिविधियां कमोबेश ठप्प ही हैं। ऐसे में पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने की उम्मीद नहीं है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकारी आर्थिक पैकेज में ऋण व नकदी प्रबंधन की व्यवस्था और रिजर्व बैंक द्वारा पूर्व में घोषित उपायों से अर्थव्यवस्था की सेहत सुधारने में मदद मिलेगी।

पटरी पर लौट रहा है भारतीय निर्यात

इस बीच निर्यात के क्षेत्र से एक अच्छी खबर आई है, दावा किया गया है कि भारतीय निर्यात पटरी पर लौट रहा है। यूरोप, पूर्वी एशिया और अफ्रीकी देशों से मांग आने व अर्थव्यवस्था का गति देने के सरकारी प्रयासों के बीच लगभग 88 प्रतिशत भारतीय निर्यात फिर से शुरू हो गया है। सरकार ने आर्थिक-औद्योगिक गतिविधियों को शुरू कराने, स्थानीय स्तर पर रोजगार देने और जनसामान्य की सहायता को 21 लाख करोड़ का जो राहत पैकेज दिया था, उसका असर भी अब दिखाई देने लगेगा।

आत्मनिर्भर भारत बनाकर ही आर्थिक संकट से उबरने में हो सकेंगे सफल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को आगे बढ़ाने के क्रम में बीते दिनों ‘स्वदेशी’ अपनाने और आत्मनिर्भर भारत’ बनाने और का नारा बुलंद करते हुए ‘लोकल फॉर वोकल’ की बात कह चुके हैं। व्यापक कार्ययोजना और रणनीति अपनाकर ही हम स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत बनाकर देश को कोरोनाजन्य आर्थिक संकट से उबारने में सफल हो सकेंगे। बहरहाल लॉकडाउन में राहत दिये जाने के बाद नए हालातों में कारोबारी गतिविधियों को दोबारा शुरू किए जाने से अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार होने की उम्मीद जोर पकड़ रही है।


Comments

Note : Your comments will be first reviewed by our moderators and then will be available to public.

Get it on Google Play